Sunday, December 25, 2011

Kashmiri and Marathi translation of Hindi poem Pushp ki abhilasha!

माखन लाल चतुर्वेदी जी के पुष्प की अभिलाषा से :-

मुझे तोड़ देना बनमाली उस पथ पर देना तुम फ़ेंक 
मातृ भूमि पर शीश चढाने जिस पथ पर जावे वीर अनेक

मराठी अनुवाद : राहुल जी के माध्यम से :-

वन माल्या तू तोडुन्न मज़ला
फेकुन दे त्या मार्गा वर्ती
शीर अर्पिन्या मात्रु भूमिला
जेथुन्न वीर अनेकू ज़ाती!!!

कश्मीरी अनुवाद : दिलीप लंगू द्वारा :-
पुच्नाव्यज्य्म ही बागवानो चुई
तथ्य वती छेपि छकराव्य्ज्येम चुई
यथ मात्र भूमि वति रतुछेपि लगने
कूति फिरि द्रायी वीर अनीकुई !!!!

मराठी अनुवाद : अमृत राज पेशिन जी के माध्यम से :-

मझ तोडूनी माली जा
त्या वाट्यास टाकुनी दे
माई भूमी च्या आब्रूस भेट
शूर वीर मस्तक देत
________________________________
मला तोड़ वनमाळी
अणि त्या वाटेवर फेक
मातृभूमी साठी समर्पणास
जेथून जाती वीर अनेक

No comments: